अवैध-प्रवासियों को नागरिकता देने के मुद्दे पर SC में सुनवाई: नागरिकता अधिनियम की धारा 6ए की संवैधानिक वैधता की जांच होगी

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21 घंटे पहले

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अवैध प्रवासियों को नागरिकता देने से जुड़े मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में जस्टिस एएस बोपन्ना, एमएम सुंदरेश, जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच पांच जजों की संविधान बेंच इन मामलों की सुनवाई कर रही है।

मामले में पिछली सुनवाई 20 सितंबर को हुई थी। तब कोर्ट ने कहा था कि नागरिकता अधिनियम की धारा 6ए की संवैधानिक वैधता की जांच के लिए हम 17 अक्टूबर से सुनवाई शुरू करेंगे।

असम समझौते से जुड़ा मामला

असम से अवैध प्रवासियों की पहचान और निर्वासन के मुद्दे पर आल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) 1979 से विरोध कर रहा था। इसके बाद 15 अगस्त 1985 को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने असम समझौते पर साइन किए। जिसमें नागरिकता अधिनियम में धारा 6A को लोगों की नागरिकता से निपटने के लिए एक विशेष प्रावधान के रूप में जोड़ा गया।

इस समझौते में 1 जनवरी 1966 से 25 मार्च 1971 तक राज्य में आए अवैध प्रवासियों को वहां का नागरिक माना गया था। इन लोगों को धारा 18 के तहत खुद को देश के नागरिक के रूप में रजिस्टर्ड करना था। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में 17 याचिकाएं दाखिल की गई थीं, जिसमें से साल 2009 में असम पब्लिक वर्क्स की ओर से दायर याचिका भी शामिल है।

NRC बनाने के ऐलान के बाद बढ़ गई थी घुसपैठ
साल 2019 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए पूरे देश में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) लिस्ट बनाने की बात कही थी। इसके बाद से ही बांग्लादेश में घुसपैठ की घटनाएं बढ़ गई थीं।

बांग्लादेश बॉर्डर पुलिस के मुताबिक, नवंबर 2019 में सिर्फ तीन हफ्तों में 300 से ज्यादा लोगों को सीमा पर घुसपैठ करते पकड़ा गया। यह सभी लोग पूछताछ में खुद को बांग्लादेशी नागरिक बता रहे हैं। हालांकि, उनके पास नागरिकता साबित करने लायक कोई दस्तावेज नहीं था।

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