अमृतसर में दशहरे वाला वो हादसा फिर होते-होते बचा: जोड़ा फाटक पर ट्रेन आ गई और गेटमैन सोता रहा गया; लोगों ने जगाया तब आनन-फानन में बंद किया फाटक

अमृतसर3 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

पंजाब के अमृतसर जिले में 2018 में दशहरे पर हुए हादसे जैसा एक और हादसा रविवार की सुबह होते-होते टल गया। जोड़ा फाटक रेल हादसे की तीसरी बरसी आने वाली है, लेकिन रेलवे कर्मी अभी भी अपनी ड्यूटी के दौरान लापरवाही बरतने से बाज नहीं आ रहे। सितंबर महीने में ही दूसरी बार गेट मैन की लापरवाही सामने आई है। अगर सो रहे गेट मैन को जोड़ा फाटक के पास खड़े लोग न उठाते तो बड़ा हादसा फिर हो सकता था। जब लोगों ने गेट मैन से लापरवाही का कारण पूछा तो वह बहाने बनाने लगा।

फाटक खुला और तेज रफ़्तार से आ रही ट्रेन।

फाटक खुला और तेज रफ़्तार से आ रही ट्रेन।

ये था मामला
घटना रविवार सुबह 5.30 बजे जोड़ा फाटक की है। यह वही जोड़ा फाटक है, जहां 2018 में दशहरे वाले दिन बड़ा हादसा हुआ था। जिसमें 59 लोग मारे गए थे और 150 के करीब लोग घायल हो गए थे। रविवार सुबह जालंधर की तरफ से आ रही एक ट्रेन जोड़ा फाटक के पास तक पहुंच गई। लेकिन गेट मैन ने फाटक को बंद ही नहीं किया।

लोगों ने जब गेट मैन के कमरे में झांककर देखा तो वह सो रहा था। उसे उठाया तो आनन-फानन में बाहर आकर लोगों को ही नसीहत देना शुरू कर दिया। पहले बोला कि ट्रेन खराब है, नहीं आएगी। लेकिन जब ट्रेन ने हॉर्न दिया तो उसने तुरंत फाटक बंद कर दिया। इसके बाद भी वह अपनी गलती छिपाने से बाज न आया और कहने लगा, फाटक ही खराब है, बंद नहीं होता। वहां खड़े एक युवक ने इस पूरे वाकये की वीडियो बना ली।

लोगों को नसीहत देता गेटमैन।

लोगों को नसीहत देता गेटमैन।

1 सितंबर को भी घटी थी ऐसी ही घटना, जांच की मांग

स्थानीय लोगों ने बताया कि जोड़ा फाटक पर यह हादसे आए दिन होते रहते हैं। लेकिन रेलवे विभाग कोई सख्त कदम नहीं उठा रहा। 1 सितंबर को भी यही हुआ था। फाटक खुला रहा और तीन ट्रेनें फाटक से गुजर गईं। स्थानीय लोगों ने कहा कि वह इस मामले में जांच चाहते हैं और सख्त कार्रवाई भी। अगर ऐसा नहीं हुआ तो आने वाले समय में जोड़ा फाटक के आसपास रहने वालों को एक बार फिर दुख की घड़ी देखनी पड़ सकती है।

खबरें और भी हैं…

.