अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे का असर: दूतावास के बाहर रोते अफगानी असहाय और निराश, बोले- 20 साल की उपलब्धियां बस कुछ दिनों में धुल गईं

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नई दिल्ली28 मिनट पहलेलेखक: विनेश कुमार दीक्षित

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  • दिल्ली में अफगानी दूतावास के बाहर तालिबान के कब्‍जे से परेशान युवती जारा का फूटा दर्द, इमोशनल होकर रो पड़ी
  • अफगानी मूल के जावेद बोले- देश की सेवा करना चाहता हूं, पर तालिबान पाकिस्तान के साथ, हमारा देश जाना सुरक्षित नहीं है

अस्थिर अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान जबरन काबिज हो गया। वहां की सरकार गिर गई। राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर चले गए। अफगानी नागरिक देश छोड़कर भाग रहे हैं। इससे भारत समेत दूसरे देशों में फंसे अफगानियों के सामने कई मुश्किलें आ खड़ी हो गई हैं। राजधानी दिल्ली में अफगानिस्तान के दूतावास के बाहर कई युवा रोते दिख रहे हैं। तालिबान के कब्‍जे से अफगानिस्तान के लाखों- युवतियां बुरी तरह से परेशान हैं। उनकी उम्‍मीदों का सूरज डूब गया है। वे अच्‍छी जिंदगी जीने की चाह में देश से बाहर पढ़ाई कर थे। अब ये अफगानी युवक- युवतियां खुद को बेहद लाचार महसूस कर रहे हैं।

हालात से दुखी और भावुक अफगानी
दिल्ली में अफगानिस्तान दूतावास के बाहर अफगानिस्‍तानी युवती जारा रोते हुए बताती है, ”मैं अपने देश पर तालिबान के दोबारा कब्‍जे से बेहद दुखी हूं। इस दर्द को बयां नहीं कर सकती। मैंने खुद को इतना असहाय और निराश कभी नहीं महसूस किया। हमारी 20 साल की सभी उपलब्धियां बस कुछ दिनों में धुल गई हैं। सरकार ने हमें बीच राह में छोड़ दिया है।” ऐसा कहते हुए जारा फूट-फूटकर रो पड़ीं।

दिल्ली में पढ़ाई करने वाले अफगानी मूल के जावेद और जारा अपने देश के मौजूदा हालात से दुखी और भावुक हैं।

दिल्ली में पढ़ाई करने वाले अफगानी मूल के जावेद और जारा अपने देश के मौजूदा हालात से दुखी और भावुक हैं।

तालिबान पाकिस्तान के साथ
दिल्ली में पढ़ाई करने वाले अफगानी मूल के जावेद बताते हैं, “पढ़ाई पूरी करने के बाद मैं अपने देश की सेवा करना चाहता था, पर तालिबान, पाकिस्तान के साथ मिला हुआ है और हम भारत में हैं। ऐसे में हमारा स्वदेश जाना सुरक्षित नहीं है, लेकिन अगर हम यहां रहेंगे तो भारत सरकार हमें वीजा नहीं देगी। फिलहाल हम एक पत्ते की तरह हो गए हैं, जिसे हवा कहीं भी धकेल रही है।”

राष्ट्रपति के देश छोड़ने का कदम गलत
भारत समेत दूसरे देश अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से निकाल रहे हैं। रविवार को ही एयर इंडिया की फ्लाइट AI244 करीब 129 यात्रियों को लेकर काबुल से दिल्ली पहुंची। इनमें एक छात्र अब्दुल मसूदी ने बताया, “मैं काबुल से दिल्ली आया हूं। मैं अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने के कदम को सही नहीं मानूंगा। हम उनसे बहुत कुछ उम्मीद कर रहे थे। उन्होंने हमारा भरोसा तोड़ा है। यह एक गैर जिम्मेदराना कदम है।”

मुल्लाह हेबतुल्लाह अखुंदजादा अफगानिस्तान का नया अमीर यानी नेता होगा।

मुल्लाह हेबतुल्लाह अखुंदजादा अफगानिस्तान का नया अमीर यानी नेता होगा।

तालिबान की सरकार के नए प्रमुख तय
उधर, अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार के नए प्रमुख का नाम सामने आया है। मुल्लाह हेबतुल्लाह अखुंदजादा अफगानिस्तान का नया अमीर, यानी नेता होगा। हेबतुल्लाह कंधार का रहने वाला है। तालिबान में वह मजहबी फैसले लेता है। हत्यारों और अवैध संबंध रखने वालों की हत्या का आदेश हिब्तुल्लाह ने ही दिया था। तालिबान में उसका आधिकारिक टाइटल अमीरुल मोमेनिन शेख हेबतुल्ला अखुंदजादा है।

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