हरियाणा में संगठन बनाएगी कांग्रेस, प्रधान-प्रभारी की छुट्‌टी तय: राहुल गांधी के करीबी को कमान; हुड्‌डा-सैलजा को सख्त मैसेज, पहले जिला लेवल पर नियुक्तियां – Hisar News

हरियाणा में कांग्रेस चुनाव में हार के बाद अब संगठन पर काम करेगी। कांग्रेस जिले से प्रदेश स्तर का नया संगठन खड़ा करेगी, ताकि नए छोटे कार्यकर्ताओं को मौका मिले और वह आगे आ सकें। पद संभालने के बाद नए सह प्रभारी जितेंद्र बघेल ने इस काम शुरू कर दिया है। बघ

.

इससे पहले हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान और प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया की छुट्‌टी हो सकती है। गुरुवार को चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उदयभान ने बाबरिया पर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा कि प्रदेश प्रभारी ने हरियाणा में संगठन नहीं बनने दिया।

वहीं, गुटबाजी पर लगाम कसने के लिए हाईकमान ने पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा और सांसद कुमारी सैलजा को सख्त मैसेज दिया है। इन्हें कहा गया है कि मीडिया में एक-दूसरे के खिलाफ कोई बयानबाजी न करें।

अब हरियाणा में संगठन में नियुक्ति नीचे से ऊपर की ओर की जाएंगी। सबसे पहले जिलाध्यक्षों की नियुक्ति संगठन कर सकता है। इसके बाद दूसरे स्तर पर नियुक्तियां होंगी।

हरियाणा में 10 साल से नहीं संगठन हरियाणा में कांग्रेस 10 साल से संगठन खड़ा नहीं पाई है। कांग्रेस हाईकमान की ओर से हरियाणा के लगाए गए सह प्रभारी जितेंद्र बघेल का भी मानना है कि हरियाणा में सभी नेताओं को साथ लेकर चलना और संगठन बनाना बड़ी चुनौती होगी।

पिछले 10 साल से कांग्रेस में न तो संगठन बन पाया है और न ही पार्टी की गुटबाजी खत्म हो पाई है। बल्कि, अब विधानसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी में धड़ेबाजी और बढ़ गई है। नेता एक-दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ रहे हैं।

चंडीगढ़ में उदयभान ने बाबरिया पर ठीकरा फोड़ा गुरुवार को चंडीगढ़ में उदयभान कहा है कि राज्य में कांग्रेस का संगठन न बन पाने और विधानसभा में हार के लिए पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया जिम्मेदार हैं। उदयभान ने कहा कि हमने कई बार पार्टी पदाधिकारियों की सूचियां प्रभारी को सौंपी, लेकिन वह इन्हें कांग्रेस हाईकमान के पास भेजने के बजाय स्वयं दबाए बैठे रहे।

उदयभान ने कहा कि राज्य में कांग्रेस की हार का एक बड़ा कारण EVM की हैकिंग तो है ही, राज्य में संगठन का न बन पाना भी एक वजह है। राहुल गांधी के सामने 7 अगस्त 2023 को हुई मीटिंग में बाबरिया ने वादा किया था कि 10 सितंबर 2023 तक संगठन बना दिया जाएगा, लेकिन फिर भी वह संगठन तैयार नहीं करवा सके।

ऐसे आरोपों के बीच हरियाणा के लिए कांग्रेस ने जितेंद्र बघेल को बड़ी जिम्मेदारी दी है। हरियाणा के प्रभारी दीपक बाबरिया पहले ही इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं और वह फिलहाल बीमार चल रहे हैं।

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और प्रभारी की हो सकती है छुट्‌टी हरियाणा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान की छुट्‌टी हो सकती है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, हाईकमान ने इसके संकेत दे दिए हैं। इसके अलावा पार्टी की हार के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया पहले ही इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं। वहीं, नेता विपक्ष रह चुके भूपेंद्र हुड्डा से भी हार पर जवाबतलबी की गई थी।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश में अच्छे माहौल के बावजूद हुए उलटफेर को कांग्रेस हाईकमान ने बड़ी गंभीरता से लिया है। इसके बाद यहां संगठन को लेकर बड़े फेरबदल किए जा रहे हैं। मौजूदा अध्यक्ष चौधरी उदयभान हुड्डा के करीबी हैं।

चुनाव में संगठन को संभालने की जगह उन्होंने खुद चुनाव लड़ा। हालांकि, वह होडल सीट से हार गए। कांग्रेस हाईकमान के आगे इसे लेकर भी सवाल खड़े हुए हैं, क्योंकि भाजपा के अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने राई से विधायक होते हुए भी संगठन की जिम्मेदारी बता चुनाव नहीं लड़ा था।

नई दिल्ली में कांग्रेस पदाधिकारियों के साथ बैठक करते राहुल गांधी। - फाइल फोटो

नई दिल्ली में कांग्रेस पदाधिकारियों के साथ बैठक करते राहुल गांधी। – फाइल फोटो

राहुल गांधी ने हरियाणा के नेताओं पर ठीकरा फोड़ा हरियाणा में कांग्रेस की हार के बाद दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर समीक्षा मीटिंग हुई थी, जिसमें राहुल गांधी ने हार को लेकर कहा कि हमारी पार्टी के नेताओं के इंटरेस्ट पार्टी से ऊपर हो गए, इसी वजह से हार हुई।

इसके बाद यहां तय हुआ कि हार के कारण जानने के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई जाएगी। कमेटी हरियाणा में जाकर नेताओं से चर्चा कर रिपोर्ट हाईकमान को सौपेंगी। हालांकि, कमेटी ने जांच के बाद हाई कमान को रिपोर्ट सौंपी, जिसमें हार की वजह गुटबाजी, कमजोर नेतृत्व सहित कई कारण रहे। यह रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई।

सैलजा ने भी कहा था- संगठन होना जरूरी वहीं, इससे पहले सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा रोहतक में बयान दे चुकी हैं कि कांग्रेस संगठन न बना पाने के कारण हारी। सैलजा ने कहा कि संगठन से कार्यकर्ताओं की पहचान होती है। कांग्रेस का राज्य स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर तक संगठन नहीं था।

संगठन से पार्टी का काम होता है। हरियाणा में हार से कार्यकर्ताओं में निराशा हुई है। 10 साल विपक्ष में बैठना आसान नहीं होता। सैलजा ने कहा कि हाईकमान को इन सब बातों की जानकारी है।