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नई दिल्ली1 घंटे पहले
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केजरीवाल ने 17 सितंबर को अपना इस्तीफा LG को सौंपा था। उसी दिन आतिशी ने सरकार बनाने का समय मांगा था।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आतिशी मार्लेना सिंह को 21 सितंबर से दिल्ली का सीएम नियुक्त कर दिया है। 5 मंत्रियों की नियुक्ति को भी मंजूरी मिल गई है। राष्ट्रपति ने अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, आतिशी राजभवन (उपराज्यपाल के निवास) में शनिवार, 21 सितंबर की शाम 4:30 बजे सीएम पद की शपथ लेंगी। दिल्ली के LG विनय कुमार सक्सेना उन्हें शपथ दिलाएंगे।
आतिशी के साथ AAP के 5 विधायक- गोपाल राय, सौरभ भारद्वाज, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत मंत्री पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह में AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पूर्व डिप्टी मनीष सिसोदिया भी शामिल होंगे।
आतिशी दिल्ली की सबसे युवा और तीसरी महिला CM होंगी
आतिशी दिल्ली की 9वीं और सबसे युवा मुख्यमंत्री के अलावा सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद तीसरी महिला सीएम होंगी। दिल्ली के सबसे युवा सीएम का रिकॉर्ड केजरीवाल के नाम था। 2013 में पहली बार सीएम बनने के समय वे 45 साल के थे। आतिशी अभी 43 साल की हैं।
आतिशी कालकाजी सीट से तीन बार की विधायक हैं। AAP के विधायक दल ने 17 सितंबर को अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद उनका नाम नए CM के रूप में फाइनल किया था। आतिशी की कैबिनेट में मुकेश अहलावत एकमात्र नया चेहरा होंगे।
बाकी 4 नेता केजरीवाल की कैबिनेट में भी मंत्री थे। अहलावत को AAP विधायक राजकुमार आनंद की जगह कैबिनेट में जगह मिली है। आनंद ने लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा जॉइन कर ली थी। वे केजरीवाल कैबिनेट में सामाजिक कल्याण मंत्री थे।
CM आतिशी और कैबिनेट में ये 6 चेहरे ही क्यों
1. आतिशी: केजरीवाल और सिसोदिया की भरोसेमंद केजरीवाल और सिसोदिया के जेल में रहते हुए पार्टी का मजबूती से स्टैंड रखती रहीं हैं। स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने के लिए भी केजरीवाल ने आतिशी के नाम की सिफारिश की थी। 2013 के विधानसभा चुनावों के लिए आप का घोषणापत्र तैयार करने वाली समिति की प्रमुख सदस्य थीं। उसके बाद से ही पार्टी को विस्तार में अहम भूमिका निभाती रही हैं।
2. सौरभ भारद्वाज: पार्टी का मजबूती से पक्ष रखते हैं 2013 से विधायक और मंत्री हैं। केजरीवाल के भरोसेमंद नेता हैं। केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह के जेल में रहने के दौरान आतिशी के साथ भाजपा पर लगातार हमलावर रहे हैं। मनीष सिसोदिया के जेल जाने पर आतिशी के बाद महत्वपूर्ण मंत्रालय सौरभ को ही सौंपे गए।
3. गोपाल राय: वर्किंग क्लास कम्युनिटी के बीच अच्छी पकड़ 2013 में पहली बार सत्ता में आने के बाद से AAP सरकार का हिस्सा रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। केजरीवाल के भरोसेमंद माने जाते हैं। दिल्ली की वर्किंग क्लास कम्युनिटी के बीच अच्छी पकड़ है। कई मौकों पर पार्टी के लिए संकटमोचक बनकर उभरे हैं। मौजूदा दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री हैं। मंत्री पद संभालने का लंबा अनुभव है।
4. कैलाश गहलोत: जाट परिवार से हैं, पॉलिटिकल फंडिंग के लिए महत्वपूर्ण LG विवेक सक्सेना के साथ अच्छे रिश्ते हैं। LG ने 15 अगस्त पर आतिशी की जगह झंडा फहराने के लिए गहलोत को चुना था। जाट परिवार से हैं। हरियाणा में जाट BJP से नाराज हैं। हरियाणा चुनाव में पार्टी उन्हें कैबिनेट से ड्रॉप नहीं करना चाहती। वे 2017 से लगातार परिवहन मंत्रालय संभाल रहे हैं। पॉलिटिकल फंडिंग के लिए भी AAP के लिए महत्वपूर्ण हैं।
5. इमरान हुसैन: अकेला मुस्लिम चेहरा, दिल्ली में करीब 11.7% मुस्लिम पॉपुलेशन केजरीवाल की कैबिनेट में अकेले मुस्लिम चेहरा थे, इसलिए आतिशी की कैबिनेट में भी पार्टी उन्हें रिटेन करना चाह रही है। दिल्ली में करीब 11.7% मुस्लिम पॉपुलेशन है। 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी अल्पसंख्यक वोटबैंक पर पकड़ बनाए रखना चाहती है।
6. मुकेश अहलावत: दलित समुदाय से आते हैं, दिल्ली में 12% दलित पॉपुलेशन है दलित समुदाय से आने वाले मुकेश अहलावत राजकुमार आनंद की जगह लेंगे। दिल्ली में 12% दलित पॉपुलेशन है। राजकुमार आनंद के BSP में जाने से AAP के दलित वोट बैंक में सेंध लगा है। पहली बार के विधायक अहलावत को मंत्री बनाकर पार्टी दलित वोटबैंक साधना चाहती है।
15 को केजरीवाल का इस्तीफा, 17 को आतिशी के नाम का ऐलान हुुआ दिल्ली शराब नीति मामले में जमानत मिलने के 2 दिन बाद 15 सितंबर को अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया था की वे इस्तीफा देंगे। नरेंद्र मोदी के 74वें जन्मदिन यानी 17 सितंबर को सुबह करीब 11:30 बजे विधायक दल की मीटिंग बुलाई गई, इसमें तय हुआ कि आतिशी नई मुख्यमंत्री बनेंगी। 12 बजे नए CM की घोषणा कर दी गई। शाम करीब 5 बजे केजरीवाल ने LG से मुलाकात इस्तीफा सौंपा।
AAP को अप्रैल 2023 में मिला राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा चुनाव आयोग ने 10 अप्रैल 2023 को आम आदमी पार्टी को आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया था। किसी पार्टी को नेशनल पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए लोकसभा या विधानसभा चुनाव में चार राज्यों में 6% वोट हासिल करना जरूरी होता है। पार्टी दिल्ली, पंजाब, गोवा और गुजरात में 6% से ज्यादा वोट शेयर हासिल कर चुकी है।
दिल्ली के अलावा पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है। पार्टी का संगठन हरियाणा और गुजरात में भी मजबूत है। पार्टी के लोकसभा में तीन जबकि राज्यसभा में 10 सांसद है। देश के अन्य राज्यों में भी AAP के कैडर एक्टिव हैं।
फरवरी के पहले हो सकते हैं दिल्ली में विधानसभा चुनाव दिल्ली विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 23 फरवरी 2025 को खत्म हो रहा है। इलेक्शन कमीशन मौजूदा सदन के पांच साल के कार्यकाल के खत्म होने की तारीख से पहले चुनाव की प्रक्रिया पूरी कराता है। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 15(2) कहती है कि चुनाव की अधिसूचना विधानसभा के कार्यकाल के खत्म होने से 6 महीने से कम समय पहले नहीं की जा सकती है।
इसका मतलब चुनाव आयोग को 5 महीने के अंदर दिल्ली में विधानसभा चुनाव कराने ही होंगे। हालांकि, केजरीवाल ने इस्तीफे की घोषणा के समय कहा था कि वे दिल्ली में जल्दी चुनाव कराने की मांग करेंगे। उपराज्यपाल और चुनाव आयोग तैयार हुआ तो विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने से पहले भी दिल्ली में चुनाव कराए जा सकते हैं।