श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर40 मिनट पहले
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श्रीनगर के महाराजगंज इलाके में साहित्यिक दुकान 1933 से कश्मीरी साहित्य को संरक्षित कर रही है। ये साहित्यिक दुकान,कुरान प्रकाशित करने वाली पहली दुकान भी है। यहां कश्मीरी भाषा में रामायण भी मिलती है। ये न केवल कश्मीरी साहित्य के संरक्षण में योगदान देती है, बल्कि स्थानीय समुदाय को उनकी मूल भाषा में आवश्यक धार्मिक ग्रंथों तक पहुंचाने में भी सक्षम है। ये दुकान लेखकों, पाठकों और विद्वानों के लिए एक केंद्र के रूप में कार्य करती है, जो कश्मीरी भाषा और संस्कृति के विकास को बढ़ावा देते हैं। इस दुकान ने इतने सालों में विभिन्न चुनौतियों के बावजूद, कश्मीरी साहित्य को बढ़ावा देने और संरक्षित करने में अहम योगदान दिया है। यकीनन ये साहित्यिक दुकान स्थानीय समुदाय के दिलों में एक विशेष स्थान रखती है और क्षेत्र की समृद्ध साहित्यिक विरासत को दर्शाती है।