दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ ने राउरकेला के बंडामुंडा से किया चुनावी शंखनाथ, निशाने पर SERMU/SERMC

  • DPRMS के चक्रधरपुर मंडल संयोजक अजय कुमार झा की अगुवाई में बंडामुंडा के टीआरएस के कर्मचारियों से संवाद 

ROURKELA. रेलवे यूनियनों की मान्यता के लिए चुनाव की घोषणा होते ही विभिन्न संगठनों के नेता व प्रतिनिधि रेलकर्मियों के बीच अपनी पहुंच बनाने में जुट गये हैं. चुनावी अभियान में संगठनों के प्रतिनिधि रेलकर्मियों को वर्तमान यूनियन की खामियों से उत्पन्न परिस्थिति की जानकारी दे रहे तो उन्हें आने वाले चुनाव में बेहतर प्रतिनिधि चुनने का अनुरोध भी कर रहे हैं.

इस क्रम में  DPRMS के चक्रधरपुर मंडल संयोजक अजय कुमार झा की अगुवाई में मजदूर संघ के प्रतिनिधियों ने राउरकेला के बंडामुंडा में टीआरएस के कर्मचारियों से मिलकर उनकी समस्याओं को जाना और उन्हें दूर करने के उपायों पर बात की. DPRMS ने चुनावी जनसंपर्क अभियान में रेलकर्मियों के बीच अपनी मजबूत उपस्थित के साथ NPS से लेकर UPS तक के विरोध में लड़ाई जारी रखने की बात कही .

इस दौरान DPRMS नेताओं के निशाने पर AIRF(SERMU) और NFIR (SERMC)  यूनियनें रही. नेताओं ने कहा कि रेल में विगत 100 वर्षों से मान्यता प्राप्त यूनियन रहते हुए AIRF(SERMU) और 76 वर्षों से मान्यता प्राप्त यूनियन NFIR (SERMC) ने रेल कर्मचारियों के लिए जो कार्य किया है अब समय आ गया है उन पर चर्चा की जाये. ताकि यूनियन की मान्यता के लिए होने वाली चुनाव में इसे ध्यान में रखकर रेलकर्मी मतदान कर सकें.

डीपीआरएमएस नेताओं ने कर्मचारी विरोधी, अकर्मण्य और सत्ता के चापलूस यूनियनों को पूरी तरह साफ करने का आह्वान रेलकर्मियों के बीच किया. यह विश्वास जताया कि सजग एवं सतर्क होकर इस बार रेलकर्मी 4, 5 और 6 दिसंबर को यूनियन की मान्यता के लिए होने वाली चुनाव में दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ को भारी मतों से विजय दिलाएंगे.

DPRMS ने जारी किया दोनों फेडरेशन-यूनियन को आरोपपत्र 

1. 2004 में दोनों फेडरेशनों की सहमति से ही NPS लागू हुई और ये NPS के ट्रस्टी बने. कामरेड उमरावमल पुरोहित तत्कालीन AIRF के अध्यक्ष NPS ट्रस्ट के मृत्यु पर्यंत सदस्य रहे. ये लोग चुनावी मौसम में उसी NPS को खत्म करने के लिए आवाज उठाने का स्वांग करते हैं. कम से कम पिछले दो चुनावों का परिणाम तो इसका प्रमाण है.

2. 2024 में इनकी ही सहमति से पुनः UPS लागू कराई जा रही है. पहले NPS के माध्यम से और अब UPS के माध्यम से कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहें हैं.

3. रेलवे कर्मचारियों की CL-15 से घटाकर 10 आपके कार्यकाल में ही करवाई गई.

4. रेल कर्मचारी की संख्या 24 लाख से 11 लाख हो गयी और काम का बोझ दुगना हो गया.

5. रेलवे अस्पताल, रेल्वे कॉलोनी आदि के हालत बद से बदतर हो गई है, ये नेता क्या कर रहे हैं ?

6. पॉइंट्समेन, ट्रेकमेन, सिग्नल विभाग आदि के कर्मचारी आज भी 12-12 घंटे की ड्यूटी करने को मजबूर हैं आखिर क्यों ?

7. आजादी के 75 साल बाद भी ट्रैकमेन कार्यस्थल पर खुले आसमान में और जमीन पर भोजन करने को मजबूर हैं आखिर क्यों ?

8. रतन टाटा की अध्यक्षता में निजीकरण के लिए बनी कायाकल्प समिति के सदस्य बनकर रेलवे में FDI को बढ़ावा दिया.

9. 7 वें पे कमीशन में 18 महीने के भत्तों का नुकसान करवाया .

10. सफाई कार्य, C & W, ट्रेन लाइटिंग, रेक अनुरक्षण, पार्सल कार्य, टिकिट बिक्री कार्य ठेके पर दिये गये

11. वर्कशॉप एवं शेड में 50% कार्य इनकी सहमति से ही आउटसोर्सिंग द्वारा करवाया जा रहा है.

12. इनकी ही सहमति से रेलवे की सभी प्रिंटिंग प्रेस बंद की गयी.

13. सभी रेल कर्मचारियों की नाईट ड्यूटी की सीलिंग इनके कार्यकाल में लागू की गई

14. लोको शेड का यार्ड स्टिक जो 7.5 व्यक्ति प्रति लोको थी घटकर 4.5 प्रति लोको हो गये. ये क्या कर रहे थे ?

15. सुविधा पास पर रिजर्वेशन कोटा फिक्स होने के बाद कर्मचारियों को रिजर्वेशन नहीं मिल पाता है और बिना रिजर्वेशन के पास मान्य नहीं है. इस प्रकार NFIR/AIRF ने कर्मचारी के सुविधा पास को खत्म करने का कार्य किया है

16. फेलियर के चलते सिग्नल विभाग के कर्मचारियों को 24 घंटे मुख्यालय पर ही रहना पड़ता है. इसका विरोध क्यों नहीं किया ?

17. गुड्स, सवारी और मेल एक्सप्रेस गाड़ियों के लोको पायलेट एवं ट्रेन मैनेजरों का अलग-अलग वेतनमान क्यों नहीं लागू करवाया

18. 1992 में नरसिम्हा सरकार के समय में निजीकरण एवं प्रतिवर्ष एक प्रतिशत कर्मचारियों की कटौती करने की सहमति इन्होंने ही दी

19. सुरक्षा व संरक्षा से संबंधित कार्य भी ठेका मजदूरों द्वारा आपकी सहमति से ही करवाया जा रहा है

20. 11 जुलाई 2016 को सातवें वेतन आयोग के लिए हड़ताल के लिए मतदान करवाया गया जिसमें 98% कर्मचारियों की हड़ताल के पक्ष में सहमति होने के बावजूद ऐन मौके पर दोनों फेडरेशन हड़ताल से क्यों भागे ?

DPRMS नेताओं ने कैबिनेट मंत्री जुएल उरांव से की बात, मिला आश्वासन

पीड़ित, शोषित तथा बंचित कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान काे लेकर दक्षिण पूर्व रेलवे मज़दूर संघ,चक्रधरपुर मंडल के मंडल संयोजक अजय कुमार झा के नेतृत्व में DPRMS BNDM के सदस्यों ने कैबिनेट मंत्री जुएल उरांव से मुलाकात की. इस दौरान कैबिनेट मंत्री ने रेल कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान मे सहयोग का भरोसा दिलाया. इस मौके पर संघ के सुब्रत सुतार, कैलाश चंद्र महापात्र, सरत चन्द्र ओझा, नंद किशोर विद्यार्थि, विवेक कुमार, राजू वर्मा एवं मुकेश कुमार तिवारी आदि मौजूद थे.