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नई दिल्लीएक घंटा पहले
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चुनाव आयोग ने बताया कि लोगों को बांटी जाने वाली चीजें 9 अक्टूबर को पांचों राज्यों में चुनाव का ऐलान होने के समय से ही जब्त की जा रही थीं।
चुनाव आयोग ने सोमवार 20 नवंबर को कहा कि चुनाव वाले पांच राज्यों से 1760 करोड़ की शराब, ड्रग्स, कैश और महंगी धातु बरामद की गईं। ये सब चीजें वोटरों को रिझाने के लिए बांटी गई थीं। इन चीजों की बरामदगी 9 अक्टूबर से हो रही थी। इसी दिन इलेक्शन कमीशन ने पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था।
चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि आंकड़ा (1760 करोड़) इन राज्यों में 2018 विधानसभा चुनाव के दौरान हुई बरामदगी का 7 गुना है। पिछली बार 239.15 करोड़ की चीजें जब्त की गई थीं।
अभी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव हैं। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में वोटिंग हो चुकी है। राजस्थान में 25 तो तेलंगाना में 30 नवंबर को वोट डाले जाएंगे।
मिजोरम से 29 करोड़ की ड्रग्स बरामद हुई
चुनाव आयोग ने बताया कि पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम से न तो कैश और न ही कोई कीमती धातु जब्त हुई, लेकिन 29.82 करोड़ की ड्रग्स बरामद हुई।
194 सीटों को चुनावी खर्च के लिहाज से सेंसिटिव बताया था
चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में चुनावी खर्च पर नजर रखने के लिए 228 एक्सपेंडीचर ऑब्जर्वर्स तैनात किए थे। साथ ही 194 विधानसभा सीटों को चुनावी खर्च के लिहाज से संवेदनशील बताया था।
पहले 6 अन्य राज्यों से 1400 करोड़ की चीजें जब्त की गई थीं
चुनाव आयोग के मुताबिक, इससे पहले जिन 6 राज्यों (गुजरात, हिमाचल प्रदेश, नगालैंड, मेघालय, त्रिपुरा और कर्नाटक) में चुनाव हुए थे, जहां से 1400 करोड़ की चीजें बरामद की गई थीं। यह इन राज्यों में पिछले चुनाव के दौरान हुई बरामदगी का 11 गुना था।
इलेक्शन एक्सपेंडीचर मॉनीटरिंग सिस्टम लाया गया था
इलेक्शन कमीशन ने कहा कि जब पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान हो रहा था, तब मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने सभी उम्मीदवारों और पार्टियों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए प्रलोभन मुक्त चुनाव पर जोर दिया था।
इस बार चुनाव आयोग इलेक्शन एक्सपेंडीचर मॉनीटरिंग सिस्टम (ESMS) भी लेकर आया था। इसे केंद्र और राज्य की जांच एजेंसियों के साथ मिलकर लागू किया गया था।