चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र की DGP का ट्रांसफर किया: विपक्ष की शिकायत पर एक्शन, कांग्रेस ने कहा था- रश्मि निष्पक्ष चुनाव नहीं होने दे रहीं

मुंबई12 मिनट पहले

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1988 बैच की महाराष्ट्र कैडर की IPS ऑफिसर रश्मि शुक्ला के नाम महाराष्ट्र की पहली महिला DGP का रिकॉर्ड है।

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की वोटिंग से 16 दिन पहले चुनाव आयोग ने DGP रश्मि शुक्ला को पद से हटा दिया है। चुनाव आयोग ने सोमवार सुबह चीफ सेक्रेटरी को रश्मि के ट्रांसफर के निर्देश देते हुए कहा कि कैडर में अगले सबसे सीनियर IPS अधिकारी को उनका प्रभार सौंपा जाए।

साथ ही मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि महाराष्ट्र के नए डीजीपी की नियुक्ति के लिए कल (5 नवंबर) दोपहर 1 बजे तक तीन आईपीएस अधिकारियों का पैनल भेजे। रश्मि शुक्ला के खिलाफ महाराष्ट्र के विपक्षी गठबंधन चुनाव आयोग से शिकायत की थी। कांग्रेस ने कहा था कि रश्मि चुनाव को निष्पक्ष तरीके से नहीं होने दे रही हैं।

1998 की सीनियर IPS अधिकारी रश्मि शुक्ला के नाम महाराष्ट्र की पहली महिला डीजीपी बनने का रिकॉर्ड है। रश्मि सशस्त्र सीमा बल की महानिदेशक और महाराष्ट्र इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट की प्रमुख भी रह चुकी हैं।

रश्मि पर संजय राउत की फोन टैपिंग का आरोप महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी सरकार के दौरान रश्मि शुक्ला राज्य खुफिया विभाग की प्रमुख थीं, तब उन पर शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत और NCP नेता एकनाथ खडसे के फोन टैप करने का आरोप लगा था। इसे लेकर उनके खिलाफ मुंबई में FIR भी दर्ज कराई गई थी।

विपक्ष का आरोप- रश्मि भाजपा के लिए काम कर रहीं

  1. शिवेसना (शिंदे) नेता संजय राउत: DGP रश्मि शुक्ला पर बहुत गंभीर आरोप हैं। रश्मि भाजपा के लिए काम करती हैं। 2019 में जब हमारी सरकार थी, तब ये हमारे सारे फोन टैप करवा रही थीं। हमारी पूरी जानकारी फडणवीस को दी जाती थी। क्या हम उनसे निष्पक्ष चुनाव करवाने की उम्मीद कर सकते हैं? चुनाव की बागडोर उन्हें नहीं दी जानी चाहिए। ​
  2. कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले: पिछले कुछ दिनों में विपक्षी दलों के खिलाफ राजनीतिक हिंसा में बढ़ोतरी हुई है। महाराष्ट्र के कानून व्यवस्था भी खराब हुई है। DGP कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) के खिलाफ भेदभाव करती हैं। राज्य खुफिया विभाग के आयुक्त के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने फोन टैपिंग कराई थी।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने अधिकारियों को निष्पक्ष रहने की चेतावनी दी थी सीईसी राजीव कुमार ने पहले समीक्षा बैठकों और राज्य में विधानसभा चुनावों की घोषणा के दौरान अधिकारियों को न केवल निष्पक्ष रहने की चेतावनी दी थी, बल्कि अपने कर्तव्यों का पालन करते समय उनके आचरण में गैर-पक्षपाती होने की भी चेतावनी दी थी।

झारखंड में भी विधानसभा चुनाव से पहले DGP का ट्रांसफर महाराष्ट्र के साथ झारखंड में भी आचार संहिता लगी हुई है। 19 अक्टूबर को चुनाव आयोग ने झारखंड के भी डीजीपी अनुराग गुप्ता का ट्रांसफर किया था। चुनाव आयोग ने DGP को तत्काल प्रभाव से हटाने के बाद उनके रैंक के सबसे सीनियर अधिकारी को इसका प्रभार सौंपा था।

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