केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के मौके पर मंदिर को 10 क्विंटल फूलों से सजाया गया है।
उत्तराखंड में बाबा केदारनाथ धाम के कपाट 3 नवंबर को सुबह 8:30 बजे शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। इससे पहले विशेष पूजा होगी। कपाट बंद करने से पहले मंदिर को 10 क्विंटल फूलों से सजाया जाएगा।
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छह महीने तक बाबा केदारनाथ की पूजा शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में होगी। शनिवार दोपहर 12.14 बजे गंगोत्री धाम के कपाट बंद किए गए।
10 मई को बाबा केदारनाथ के कपाट खोले गए थे। 1 नवम्बर तक 16 लाख 15 हजार 642 श्रद्धालुओं ने केदारनाथ धाम के दर्शन किए। वहीं बद्रीनाथ धाम में 13 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे। शुक्रवार शाम तक यमुनोत्री धाम में 7.10 लाख और गंगोत्री में 8.11 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे।
बाबा केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति शुक्रवार को ही मंदिर परिसर पहुंची।
शनिवार को बाबा केदारनाथ की पंचमुखी मूर्ति को भंडार से बाहर लाया गया। पंचमुखी उत्सव मूर्ति को पुजारी शिवशंकर लिंग ने स्नान कराया गया। जिसके बाद धर्माधिकारी औंकार शुक्ला वेदपाठी स्वयंबर सेमवाल ने पूजा-अर्चना की। इसके बाद श्रद्धालुओं ने पंचमुखी उत्सव मूर्ति के दर्शन किए। मंदिर की परिक्रमा के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति डोली को मंदिर परिसर में विराजमान कर दिया गया।
केदारनाथ धाम के आज के फोटो
कपाट बंद होने की पूर्वसंध्या पर शनिवार को दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे।
कपाट बंद होने से पहले पहुंचे तीर्थ पुरोहित और मंदिर समिति के पदाधिकारी।
शनिवार शाम को संध्या आरती के समय मौजूद भक्त।
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय पंचमुखी उत्सव मूर्ति की पूजा-अर्चना में शामिल रहे। बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि श्री केदारनाथ धाम के कपाट रविवार भैया दूज के पावन अवसर पर बंद होंगे। इसके बाद बाबा केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति विभिन्न पड़ावों में प्रवास के बाद शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी।
कपाट बंदी के लिए केदारनाथ मंदिर को दस क्विंटल फूलों से सजाया गया है।
गंगोत्री धाम के कपाट बंद उत्तराखंड के हिमालय स्थित चार धाम, पंच बद्री और पंच केदार धामों के कपाट बंद होने का सिलसिला शनिवार से शुरू हो गया। उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री धाम के कपाट 2 नवंबर को दोपहर 12:14 बजे बंद हुए।
इस मौके पर गंगोत्री धाम हर-हर गंगे, जय मां गंगा के जयकारों से गूंज उठा। सेना के बैंड और पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन के साथ मां गंगा की डोली यात्रा के साथ अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा (मुखीमठ) के लिए रवाना हुईं। 6 महीने के लिए मां गंगा के दर्शन शीतकालीन प्रवास मुखवा में होंगे।
मां गंगा की उत्सव डोली के दौरान मौजूद श्रद्धालु
गंगोत्री धाम में 8 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि मां गंगा की उत्सव डोली रात्री विश्राम के लिए मार्कंडेयपुरी देवी मंदिर में रुकेगी। यहां रातभर भजन कीर्तन किया जाएगा,अगले दिन मां गंगा की उत्सव डोली शीतकालीन के लिए मुखबा गांव में रहेगी।
बदरी नाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को बंद होंगे
बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को बंद होंगे।
चार धाम यात्रा अंतिम चरण में है। यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। यमुनोत्री धाम के कपाट 3 नवंबर को दोपहर 12:04 पर बंद किए जाएंगे। बद्रीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को बंद किए जाएंगे। 4 नवंबर को तृतीय केदार, तुंगनाथ के कपाट भी बंद होंगे। बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को बंद होंगे, जबकि द्वितीय केदार, मद्महेश्वर के कपाट 20 नवंबर को बंद होंगे।
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